छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  : पति को 'पालतू चूहा' कहना और

blog-img

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट  : पति को 'पालतू चूहा' कहना और
ससुराल से अलग रहने की जिद... मानसिक क्रूरता

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पति का याचिका पर फैसला सुनाते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। पति का आरोप था कि उसकी पत्नी उसे अपशब्द कहती थी और ‘पालतू चूहा’ कहकर संबोधित करती थी। इसके साथ ही घरवालों से अलग रहने की जिद करती थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह पति के ऊपर क्रूरता है। जिसके बाद कोर्ट ने तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया। 

दरअसल, रायपुर में एक दंपति शादी के बाद खुशहाल जिंदगी जी रही थी। दोनों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा था उसके बाद पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगा। दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। पत्नी आए दिन ससुराल वालों से दूर रहने की जिद करने लगी। वह झगड़े के दौरान पति को अपशब्द भी कहती थी। रोज-रोज के झगड़ों से परेशान होकर पति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

‘पालतू चूहा’ शब्द पर आपत्ति

पति ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि पत्नी आए दिन उससे झगड़ा करती है और उसे ‘पालतू चूहा’ कहकर बुलाती है। पति ने बताया कि उसके माता-पिता बुजुर्ग हैं। ऐसे में वह अपने माता पिता को अकेला नहीं छोड़ सकता है लेकिन पत्नी उनसे अलग रहने की जिद करती है। उनके लिए भी अपमानजनक भाषा का प्रयोग करती है। ऐसे में मेरी मानसिक स्थिति और घर की शांति पूरी तरह से भंग हो गई है। वह मानसिक तौर पर मुझे प्रताड़ित करती है। 

क्या कहा कोर्ट ने 

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि "अलगाववाद की ऐसी मांगें (सास-ससुर से दूर रहने की मांग) अक्सर वैवाहिक संबंधों को तोड़ने का आधार बन जाती हैं।" कोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को मानसिक क्रूरता बताया और कहा कि पत्नी के इस तरह के व्यवहार से पति का आत्मसम्मान चूर-चूर हो गया है और उसके परिवार की एकता खतरे में पड़ गई है। कोर्ट ने तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी।

गुजारा भत्ता देने को कहा 

हालांकि इस दौरान पत्नी ने भी पति पर आरोप लगाए लेकिन कोर्ट में वह उन्हें पेश नहीं कर सकी। कोर्ट ने पत्नी को स्थायी गुजारे के रूप में 5 लाख रुपये दिलवाए। वहीं, बेटे के भरण-पोषण के लिए मासिक भत्ता देने की बात कही।

सन्दर्भ स्रोत : विभिन्न वेबसाइट

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को
अदालती फैसले

दिल्ली हाईकोर्ट : वैवाहिक झगड़ों में बच्चे को , हथियार के रूप में इस्तेमाल करना क्रूरता

कोर्ट ने माना कि नाबालिग बच्चे को जानबूझकर माता-पिता से अलग करने की कोशिश न सिर्फ मनोवैज्ञानिक क्रूरता है, बल्कि यह तलाक...

इलाहाबाद हाईकोर्ट : वैवाहिक कलह के कारण
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : वैवाहिक कलह के कारण , आत्महत्या को उकसावा नहीं माना जाएगा

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वैवाहिक कलह और घरेलू जीवन में मतभेद काफी आम है।

सुप्रीम कोर्ट : आरक्षण नहीं, अपने दम पर जज बन रही हैं महिलाएं
अदालती फैसले

सुप्रीम कोर्ट : आरक्षण नहीं, अपने दम पर जज बन रही हैं महिलाएं

महिला वकीलों के चैंबर आवंटन की मांग पर  पीठ ने कहा - जब महिलाएं योग्यता से सब कुछ हासिल कर सकती हैं, तो वे किसी विशेष सु...

बरेली फैमिली कोर्ट : मायके में रहना है तो शादी क्यों की
अदालती फैसले

बरेली फैमिली कोर्ट : मायके में रहना है तो शादी क्यों की

पत्नी बोली- पति मां-बाप को छोड़े, प्रॉपर्टी बेचकर मेरे घर रहे,कोर्ट ने लगाई पत्नी को फटकार, जज बोले- ऐसे मुकदमों से परिव...

सुप्रीम कोर्ट :  24 घंटे में पत्नी को लौटाओ उसका सामान
अदालती फैसले

सुप्रीम कोर्ट :  24 घंटे में पत्नी को लौटाओ उसका सामान

वैवाहिक विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने पति को लगाई फटकार. कहा - यह घृणित है कि पति ने 2022 से अब तक पत्नी को अपने कपड़े और न...

हिमाचल हाइकोर्ट : पिता अपने बालिग बच्चों की
अदालती फैसले

हिमाचल हाइकोर्ट : पिता अपने बालिग बच्चों की , पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने के लिए कानूनी रूप से बाध्य

हाईकोर्ट ने कहा पिता सीआरपीसी के तहत अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए कानूनन बाध्य नहीं, लेकिन चूंकि बच्चे अभी भी शिक...