इलाहाबाद हाईकोर्ट : महिलाओं के अश्लील वीडियो

blog-img

इलाहाबाद हाईकोर्ट : महिलाओं के अश्लील वीडियो
वायरल करना,  समाज के लिए गंभीर खतरा

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने महिलाओं के अश्लील वीडियो संग्रहीत कर उसे प्रसारित करने के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने इसे समाज के लिए एक गंभीर खतरा माना है। जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने बलात्कार करने तथा पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाने के आरोपी को जमानत देने से इंकार करते हुए यह टिप्पणी की है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि आईटी से संबंधित अपराधों और साइबर अपराधों की जांच की खराब गुणवत्ता जांच के कामकाज में एक बड़ी गलती बन रही है। कोर्ट ने इसी के साथ मांगे उर्फ ​​रविन्द्र को जमानत देने से इनकार कर दिया। याची पर बुलंदशहर में धारा 376 डी, 506 आईपीसी और पाक्सो एक्ट की धारा 5 जी/6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वह नवंबर 2023 से जेल में है।

ट्रायल कोर्ट को निर्देश, मुकदमे एक साल में पूरा करें

यह देखते हुए कि आवेदक पर बलात्कार करने और पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है, कोर्ट ने अपराध की गंभीरता पर जोर देते हुए इस स्तर पर आवेदक को जमानत देने से इंकार कर दिया और जमानत अर्जी खारिज कर दी । हालांकि न्याय के हित में और अपराध की प्रकृति पर विचार करते हुए न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह मुकदमे को शीघ्रता से एक वर्ष के भीतर पूरा करे। न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को आरोपी के अधिकारों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। कोर्ट गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी तुरंत आवश्यक कदम अपनाए।

पुलिस अधिकारी हलफनामा दें

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सीनियर पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर निचली अदालत द्वारा जारी वारंट/समन की तामील के निष्पादन की स्थिति के बारे में निर्धारित तिथि को निचली अदालत के समक्ष हलफनामा दाखिल करें। अदालत ने आगे निर्देश दिया कि यदि पुलिस अधिकारी वारंट या अन्य उपायों को निष्पादित करने में विफल रहते हैं तो सीनियर पुलिस अधीक्षक, बुलंदशहर हलफनामे में कारण बताएंगे और वारंट निष्पादित करने के लिए उठाए गए कदमों को दिखाएंगे।

संदर्भ स्रोत : दैनिक भास्कर

Comments

Leave A reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *



मद्रास हाईकोर्ट : पति, ससुर के खिलाफ निराधार
अदालती फैसले

मद्रास हाईकोर्ट : पति, ससुर के खिलाफ निराधार , यौन उत्पीड़न का आरोप मानसिक क्रूरता के बराबर

जब तलाक का मामला लंबित था, तब यह आरोप लगाया गया कि पत्नी ने उसके और उसके पिता के खिलाफ अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियो...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : विधवा पुनर्विवाह
अदालती फैसले

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : विधवा पुनर्विवाह , के बाद सास-ससुर पेंशन के हकदार

अदालत ने केस दायर करने के तीन साल पहले से पेंशन देने का निर्देश दिया। यह केस  दिवंगत सैनिक के माता-पिता ने दायर किया था,...

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पसंद का जीवनसाथी
अदालती फैसले

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पसंद का जीवनसाथी , चुनना हर बालिग महिला का अधिकार

कोर्ट ने परिवार की ओर से उसके विवाह के फैसले में हस्तक्षेप करने की कड़ी निंदा की

केरल हाईकोर्ट : माता-पिता के कर्तव्यों
अदालती फैसले

केरल हाईकोर्ट : माता-पिता के कर्तव्यों , से अलग नहीं हो सकते तलाकशुदा जोड़े

बेटी के जीवन का हिस्सा बनने के लिए पिता ने दायर किया अवमानना का मामला

मद्रास हाईकोर्ट  : पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के
अदालती फैसले

मद्रास हाईकोर्ट  : पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के , लिए पत्नी को पति की अनुमति की आवश्यकता नहीं

मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी को पति की संपत्ति समझने वाली मानसिकता को खत्म करने की जरूरत...