मप्र की बेटी तान्या डागा ने एक हैरत अंगेज़ कारनामा का दिखाया है। ब्यावरा में रहने वाली इस बच्ची ने 2 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया था। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और बचे हुए दूसरे पैर से साइकिल चलाते हुए कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर तय कर डाला। देश के दो छोरों के बीच 28 सौ किमी की दूरी उसने 42 दिनों में पूरा किया।
हालाँकि इस दौरान तान्या के पिता का निधन हो गया और वह एक सप्ताह के लिए वापस आ गई। लेकिन जल्द ही उसने दोबारा अपनी यात्रा शुरू की थी। तान्या ‘इन्फिनिटी राइड के-2-के 2020’ अभियान का हिस्सा थीं। इसका आयोजन आदित्य मेहता फ़ाउंडेशन और सीमा सुरक्षा बल ने संयुक्त रूप से किया था। 30 सदस्यीय टीम में तान्या डागा अकेली पैरा साइकलिस्ट थीं। यह पूरे देश में पैरा स्पोर्ट्स के बारे में जागरूकता फैलाने और धन इकट्ठा करने के लिए एक जन सहयोग अभियान था।
हादसे में पैर में गँवाने के बाद तान्या को 6 महीने तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा। वह अपनी ज़िंदगी से नाउम्मीद हो चली थी, लेकिन उसके पिता ने उसका मनोबल बनाए रखा और उसे अपने आपको साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया। तान्या से उन्होंने कहा कि शरीर का एक हिस्सा खो देने से आप जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करना नहीं छोड़ सकते। पिता से नैतिक बल मिलने पर तान्या ने 19 नवंबर 2020 को अपना अभियान शुरू किया। लेकिन महीने भर बाद ही उसे एक नए इम्तिहान से गुजरना पड़ा जब उसके पिता आलोक डागा इस दुनिया में नहीं रहे। उसे अभियान के बीच हैदराबाद से लौटना पड़ा।
तान्या ने कहा कि मेरे पिता मेरे आदर्श थे और उनका सपना था कि मैं यह मिशन पूरा करूं। मैं उस सपने को पूरा करना चाहती थी। उनकी मौत ने मुझे तोड़कर रख दिया, लेकिन उनके सपने को जीने के लिए मैं वापस अभियान में शामिल हुई। अपने भविष्य को लेकर तान्या कहती हैं कि वे अपने जैसे साइकल चालकों के लिए काम करती रहेंगी और लोगों को बताएंगी कि कोई भी व्यक्ति जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है।
तान्या की सफलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि साहस और हौसला हो, तो बाधाएं, नतमस्तक हो जाती हैं। हमारी पैरा साइक्लिस्ट बेटी तान्या ने जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी तय कर मध्यप्रदेश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। बेटी जीवन की हर चुनौती को परास्त कर ऐसी ही आगे बढ़ती रहो, मेरी शुभकामनाएं सदैव तुम्हारे साथ हैं।
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