ग्रेजुएशन के दौरान ही वर्ष 2015 में आकाशवाणी, रीवा में लोकगीत गायक कलाकार के लिए ‘बी’ ग्रेड में उनका चयन हो गया। यहां मिले प्लेटफॉ...
गरीबी में पली-बढ़ी दुर्गाबाई ने विपरीत परिस्तिथियों में संघर्षों के साथ काम करते हुए गोंड भित्ति चित्रों के जरिए अपनी अलग पहचान बना...
भूरी बाई मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के मोरी बावड़ी इलाके में स्थित पिटोल गाँव की निवासी हैं। वे पिथौरा चित्रकारी में पारंगत भील समुदा...
कलाबाई श्याम अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए कैनवास, ब्रश और एक्रिलिक रंग का इस्तेमाल करने वाली प्रथम गोंड परधान महिला थीं। दूसर...
मध्यप्रदेश का उत्तर पूर्वी इलाका विंध्य प्रदेश कहलाता है और बघेली यहाँ की लोक भाषा है। इस भाषा में गायन को नया मुकाम देने वाली स...
निमाड़ी लोक कला में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली प्रदेश की जानी-मानी लोक गायिका पूर्णिमा चतुर्वेदी का जन्म 20 जुलाई 1967 में खंडव...