इनके काम को लेकर अखबारों ने आलेख और साक्षात्कार प्रकाशित किए और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने उन्हें पुरस्कृत किया।
जब पत्रकारिता में महिलाएं आईं भी उन्हें सिलाई-कढ़ाई, खान-पान जैसे मुद्दे सौंपे गए।
भारत की आज़ादी के वक़्त छपाई मशीन और अख़बारों के बाद रेडियो एक बहुत बड़ी क्रांति थी। इसी के साथ रेडियो से प्रसारित आवाज़ में जब स्त्...
महिलाओं का, महिलाओं के लिए, महिलाओं द्वारा तैयार इस बुलेटिन की सम्पादक से लेकर हॉकर तक महिलाएं ही हैं।
मध्यप्रदेश में पत्रकारिता ने 1840 में ‘ग्वालियर’ नाम से प्रकाशित उर्दू दैनिक के माध्यम से दस्तक दिया। 1848 में संपादक प्रेम नारायण...
भारत में महिला पत्रकारिता की शुरुआत एक अंग्रेज महिला श्रीमती प्रिटचार्ट से होती हैं जिन्होंने 1833 में प्रकाशित ओरियन्टल ऑब्ज़र्वर...